वर्तमान में कई प्रकार के म्यूचुअल फंड्स भारत में मौजूद है और इनके कई अलग-अलग प्रकार भी हैं। म्यूचुअल फंड उद्योग 1963 से भारत में है। अलग लोगों की अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के Mutual Funds भारत में मौजूद हैं। 

types of mutual funds in hindi


तो आइये जानते हैं की म्यूच्यूअल फंड्स कितने प्रकार के होते हैं। 

Mutual Funds के प्रकार

इक्विटी फंड्स

ये म्यूच्यूअल फंड्स सर्वाधिक लोकप्रिय फंड्स हैं। इक्विटी फंड, एक म्‍युचुअल फंड होता है जो मुख्‍य रूप से स्‍टॉक में  निवेश करता है। इनमे रिटर्न्स देने की क्षमता ज्यादा होती है साथ ही इनमे रिस्क फैक्टर भी सर्वाधिक होता हैं। इक्विटी फंड्स को आगे निम्न भागो में बांटा जा सकता हैं।  

लार्ज कैप फंड्स 

Large cap funds में बड़े बाजार पूंजीकरण की कंपनियों में धन का निवेश किया जाता है। ये वे कम्पनिया होती है जो मार्किट में अपनी स्थिति बना चुकी होती हैं। लार्ज कैप स्टॉक को आमतौर पर ब्लू चिप स्टॉक के रूप में जाना जाता है। इनमे रिस्क फैक्टर कम रहता हैं। 
Ex. - SBI Bluechip Fund, Axis Bluechip Fund 

मिडकैप फण्ड 

मिडकैप की कम्पनिया स्माल कंपनियों से बेहतर और लार्ज कैप कम्पनियो से कम होती हैं। जो म्यूच्यूअल फंड्स मिड कैप वाली कम्पनीज में निवेश करते है वे मिडकैप फंड्स कहलाते है। इनमे रिस्क लार्ज कैप की तुलना में कम होता हैं। 
Ex. - Axis Midcap Fund, HDFC Mid cap fund 


स्माल कैप फंड्स

म्यूचुअल फंड निवेश की बात करें तो स्माल कैप फंड कटेगिरी में short term में रिस्क जरूर देखने को मिल सकता है, लेकिन इनमें निवेशकों को शानदार रिटर्न भी मिलता आया है। इनमे रिस्क सर्वाधिक होता हैं। ये फंड्स छोटी और उभरती हुई कंपनियों में निवेश करते हैं। 
Ex. - SBI Small cap fund, HDFC Small Cap fund

सेक्टर फंड्स


इस प्रकार के फंड में निवेश करने पर आप किसी एक सेक्टर के stocks में निवेश कर सकते है जैसे ऑटो सेक्टर, बैंकिंग सेक्टर। इसी वजह से इस फंड में विविधता नहीं होती है| परंतु यह बड़ी जोखिम वाली बात भी है क्योंकि अगर आपने निवेश किये हुए सेक्टर में मंदी आने पे आपका बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है| 

ELSS Funds

Equity-linked Saving Scheme (ELSS) mutual fund. जिसे सरकार ने equity में long term investment को बढ़ावा देने के लिए बनाया है। इसमें 3 वर्ष का लॉक इन अवधि रखी गई हैं।  इसमें धारा 80 C के तहत 150000 तक की छूट प्राप्त होती हैं। 
Ex. - Miare asset tax saver fund, Axis long term Equity fund

डेब्‍ट फंड 

जहां इक्विटी म्यूचुअल फंड्स stock market में निवेश करते हैं, वहीं डेब्ट फंड्स सरकारी और pvt. कंपनियों की फिक्स-इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं। इनमें कॉर्पोरेट बॉण्ड, सरकारी सिक्योरिटीज, ट्रेजरी बिल, मनी मार्केट इंस्टूमेंट्स और अन्य कई प्रकार की डेब्ट सिक्योरिटीज होती हैं। इनमे रिस्क फैक्टर बहुत कम होता हैं। कम समय में निवेश के लिए ये फंड्स बहुत अच्छा विकल्प होते है।  

बैलेंस फंड्स 

बैलेंस्ड फंड्स संयुक्त रूप से stocks और bonds में invest करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए कई स्कीम मौजूद हैं। इन स्कीम्स में से ही एक है- बैलेंस्ड फंड्स, जिनमें इक्विटी और डेट दोनों की हिस्सेदारी होती है। इनमे डेब्ट्स फंड्स के मुकाबले रिस्क ज्यादा होती हैं। 

आप इन Mutual Funds से बेस्ट फंड्स चुन सकते हैं।